भारत 2007 में किक्रेट का विश्व कप जीतने में सफल रहा है। इससे भारत ने किक्रेट जगत में अपनी शाख जमाने में सफलता प्राप्त की है। विश्व कप जीतने पर पूरे देश में खुशियाँ मनाई गई, लोगों ने होली-दीवाली इसी दिन मना ली और यह दिन था 24 सितम्बर, 2007 का जब भारत के युवा शेरों ने पाक को किक्रेट के 20-20 विश्व कप में हरा दिया। कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है और टीम इंडिया ने भी चैबीस साल बाद 24 तारीख को ऐसा ही कारनामा दोहराते हुए फटाफट किक्रेट के नए संस्करण टी-20 का पहला विश्व खिताब जीत लिया। जब माही बिग्रेड के जवान दक्षिण अफ्रीका पहुँचे तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि वह टूर्नामेंट को जीत ही लेंगे। मगर अनहोनी हो होनी करने में माही बिग्रेड में बांडर्स मैदान पर ऐसा वंडर कर दिखाया कि सारी दुनिया देखते ही रह गई। करोड़ों दुआओं के साथ जिस सुखद अंत की कल्पना भारतीय किके्रट प्रेमी कर रहे थे, वैसा ही नजारा वांडर्स स्टेडियम पर देखने को मिला। भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देश भारतीय शेरों की जीत के लिए दुआ कर रहे थे और धोनी के जवानों ने उनकी इन दुआओं पर खुशियों का रंग चढ़ा दिया और टी-20 विश्व खिताब भारत माँ की झोली में डाल दिया। निश्चित ही इससे किक्रेट प्रेमियों के सभी गिले-शिकवें दूर हो गए जो इनके मन में चार माह पहले वन डे विश्व कप के शुरूआती दौर में बाहर होने के बाद पैदा हुए थे। इतना ही नहीं उन्हें 2003 में इसी मैदान पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में मिली पराजय का गम भी भूुलाने का मौका मिला।. टी-20 का विरोध करने वाले ही इसके चैंपियन बन गए। अंकशास्त्र व धोनी का लकी-7 भी काम आया। साथ ही, भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पहली बार किसी टूर्नामेंट में कप्तानी करते हुए विश्व खिताब जीतने वाले कप्तान बन गए। टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के गौतम गंभीर की जुझारू व शानदार पारी से निर्धारित 20 ओवरों में पाँच विकेट पर 157 का अच्छा स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तान टीम 19.3 आॅवरों में 152 रन बनाकर आउट हो गई। भारत में लोग पहले ही जीत का जश्न मनाने लगे थे कि 18 वें ओवर में श्रीसंत के द्वारा डाली गई बालों में पुछल्ले सोहेल तनवीर ने दो छक्के जड़ दिए जिसके कारण मैच पाकिस्तान के हाथ में चला गया परन्तु भारतीय गेंदबाजों ने विकेट लेने का अपना दौर जारी रखा। एक समय पाकिस्तान को जोगिंदर शर्मा के आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन बनाने थे। मिस्बाह ने उनकी दूसरी फुलटाॅस गेंद पर छक्का मारकर मैच को अपने पक्ष में कर लिया परंतु जब उन्होनें उनकी तीसरी बाॅल पर विकेट कीपर के ऊपर से छक्का मारकर की कोशिश की तो बाॅल सीधा श्री संत के हाथों मंे तथा टी-20 विश्व खिताब भारत की झोली मंे आ गया। इस पर किक्रेट प्रेमियों व भारतीय टीम के जवान शेरों की खुशी का ठिकाना न रहा। सब जगह खुशियाँ मनाई गई और उन युवाओं के स्वागत की तैयारी में जुट गए। आखिरकार धोनी के शेरों मे ंपूरे देश में ’चक दे इंडिया’ की लहर दौड़ ही दी। भारतीय टीम का मुंबई लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। उन पर सरकार ने तथा किक्रेट बोर्ड पे करोड़ों रूपयों की बौछार, की दी। विजेता टीम के खिलाड़ी भारत के नए इंडियन आयडल बन गए।