NCERT Solutions for Class 6th Hindi Chapter 11 : जो देखकर भी नहीं देखते
CBSE NCERT Solutions for Class 6th Hindi Chapter 11 – Jo Dekhkar Bhi Nahi Dekhte – Vasant. पाठ 11- जो देखकर भी नहीं देखते हिंदी वसंत भाग-I
पाठ 11- जो देखकर भी नहीं देखते
– हेलेन केलर
प्रश्न अभ्यास
1. ‘जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं’ – हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
2. ‘प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
प्रकृति के सौंदर्य और उनमें होने वाले दिन-प्रतिदिन बदलाव को ‘प्रकृति का जादू’ कहा गया है।
3. ‘कुछ खास तो नहीं’- हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों हुआ?
एक बार हेलेन केलर की प्रिय मित्र जंगल में घूमने गई थी। जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर ने उससे जंगल के बारे में जानना चाहा तब उनकी मित्र ने जवाब दिया कि ‘कुछ खास तो नहीं’। यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य इसलिए हुआ क्योंकि लोग आँखें होने के बाद भी कुछ नहीं देख पाते किन्तु वे तो आँखें न होने के बावजूद भी प्रकृति की बहुत सारी चीज़ों को केवल स्पर्श से ही महसूस कर लेती हैं।
4. हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ पढ़कर इसका उत्तर लिखो।
हेलन केलर भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती थी। वसंत के दौरान वे टहनियों में नयी कलियाँ, फूलों की पंखुडियों की मखमली सतह और उनकी घुमावदार बनावट को भी वे छूकर पहचान लेती थीं। चिडिया के मधुर स्वर को वे सुनकर जान लेती थीं।
5. ‘जबकि इस नियामत से ज़िंदगी को खुशियों के इन्द्रधनुषी रंगों से हरा-भरा जा सकता है।’ – तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
निबंध से आगे
1. कान से न सुनने पर आस पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और साथियों के साथ विचार करो।
2. कई चीज़ों को छूकर ही पता चलता है, जैसे – कपड़े की चिकनाहट या खुरदरापन, पत्तियों की नसों का उभार आदि। ऐसी और चीज़ों की सूची तैयार करो जिनको छूने से उनकी खासियत का पता चलता है।
3. हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज्य़ादा करते हैं। ऐसी चीज़ों के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो –
सुनना, चखना, सूँघना, छूना।
1. पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। बताओ कि किन चीज़ों का स्पर्श ऐसा होता है –
चिकना, चिपचिपा, मुलायम, खुरदरा, लिजलिजा, ऊबड़-खाबड़, सख्त, भुरभुरा।
2. अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकीसुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा।
रेखांकित संज्ञाएँ क्रमश: किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। नीचे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ों और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो –
मिठास, भूख, शांति, भोलापन, बुढ़ापा, घबराहट, बहाव, फुर्ती, ताजगी, क्रोध, मज़दूरी।
3. मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
उस बगीचे में अमलतास, सेमल, कजरी आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और समरूपी शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो –
अवधि – अवधी, में – मैं, मेल – मैला, ओर – और, दिन – दीन, सिल – सील।
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