Category: Hindi Nibandh Lekhan हिंदी निबंध लेखन

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अटल बिहारी वाजपेयी (Hindi Essay Writing)

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को शिन्दे की छावनी (मध्य प्रदेश) में हुआ था, इनके पिता जी का नाम कृष्ण बिहारी वाजपयी था और माता जी का नाम कृष्ण देवी थी | अटल जी की शिक्षा-दीक्षाग्वालियर में ही सम्पन्न हुई। 1939 में जब वे ग्वालियर…
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वर्षा ऋतु (Hindi Essay Writing)

वर्षा ऋतु  ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् ‘वर्षा ऋतु’ का आगमन होता है जो अत्यंत सुखद और आनंददायक होता है। यह ऋतु जुलाई माह से शुरू होती है। जुलाई और अगस्त के माह में वर्षा का जोर रहता है। आकाश में बदल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है।                वर्षा ऋतु आने पर धूप की तपन कम हो जाती है, लू नहीं चलती, हवा में तरावट आ जाती है, धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे तालाब और पोखरे जल से भर जाते हैं, मुरझाए पेड़-पौधों को नया जीवन मिल जाता है और हरे पेड़-पौधे नहा-धोकर मस्ती में झूमने लगते हैं।                वर्षा ऋतु में आकाश पर काली घटायें हर समय छाई रहती हैं। नदी, नाले और तालाब सब पानी से भर जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूखी भूमि के भाग्य उदय हुए हों। भूमि हरे वस्त्र पहन लेती है।               तीन-चार बार अच्छी वर्षा होने से नदियां भी लहराने लगती हैं। इस प्रकार सारी प्रकृति वर्षा का शीतल जल पाकर प्रफुल्लित हो उठती है। बिजली की कड़क और बादलों के गर्जन के साथ-साथ पपीहे की पुकार, झींगुरों की झनकार, मेढकों की टर्र-टर्र, मोरों का नृत्य आदि सब इतना मोहक दृश्य उपस्थित कर देते हैं कि एक क्षण में ही ग्रीष्म ऋतु की उदासी हवा हो जाती है।               वर्षा ऋतु में पर्वतीय दृश्य तो अत्यंत मनोमुग्धकारी होता है। इस सौंदर्य को देखने के लिए जब सैलानियों की टोलियाँ वहाँ पहुँच जाती हैं तब प्रकृति का दृश्य देखते ही बनता है। जंगल में मंगल का समाँ बँध जाता है।                वर्षा ऋतु में जीव-जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। रात को टिमटिमाते जुगनू बहुत शोभा बढ़ाते हैं। पपीहे की पीहू-पीहू मन में मस्ती भर देती है। लोग वृक्षों पर झूले डालते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। जन-धन-अन्न की हानि होती है। मच्छर तथा कीड़े इस ऋतु में बहुत तंग करते हैं।                वर्षा ऋतु से प्रभावित होकर अनेक कवियों और लेखकों ने अनेक छन्द और कविताओं का सृजन किया है। यह ऋतु कवियों और लेखकों को उनकी रचनाओं के लिए प्रेरणा और माहौल देती है। इस ऋतु को प्रेम के लिए सर्वोत्तम माना गया है। ‘राग मल्हार’ वर्षा से ही प्रेरणा लेकर तैयार किया गया है।                 वर्षा ऋतु त्यौहारों की ऋतु भी है। इसमें ‘रक्षा-बंधन’, ‘तीज’, ‘जन्माष्टमी’ आदि कई त्यौहार आते हैं। भगवान् श्रीकृष्ण का जन्मोष्टव ‘जन्माष्टमी’ पर्व इस ऋतु का गौरव बढ़ाता है। वर्षा ऋतु भारत भूमि को भगवान का वरदान है।               वर्षा यदि संतुलित हो तो यह वरदान और अनियमित अथवा असंतुलित हो तो अभिशाप के रूप में प्रकट होती है। मानवीय गतिविधियों से लगातार वनों का ह्रास होता जा रहा है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव वर्षा पर पड़ रहा है। अत: हमें वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे कि भविष्य में वर्षा संतुलित हो। साथ ही हमें वर्षा जल को संचित रखने हेतु तथा अधिकाधिक उपयोग हेतु दीर्घगामी उपाय ढूंढ़ना चाहिए।

मेरा प्रिय वैज्ञानिक (Hindi Essay Writing)

मेरा प्रिय वैज्ञानिक  वैज्ञानिक आधुनिक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह विश्व पटल पर अपने देश को ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्राचीन भारत से अब तक यहाँ के वैज्ञानिकों का अवदान सारे विश्व को ज्ञान की राह दिखाता रहा है। ‘जीरो’ के अविष्कार से लेकर महत्वपूर्ण गणितीय और ज्योतिषीय स्थापनाओं में भारत ने नई दिशा दी है। हमारे देश में आर्यभट्ट, चरक, बौधायन एवं नागार्जुन जैसे वैज्ञानिक प्राचीन काल में हुए हैं।                मैंने कई अच्छे वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में अध्ययन किया है। मैं उन्हें पसंद करती हूँ और उन्हें पूर्ण सम्मान भी देती हूँ। मैंने उनके जीवन परिचय से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने मेरे चरित्र पर गहरा प्रभाव डाला है। किन्तु उन सबमें मैंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को सबसे ज्यादा पसंद किया। अब्दुल कलाम मेरे पसंदीदा वैज्ञानिक हैं।                डा० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 ई० को भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में हुआ था। इनका पूरा नाम डा० अबुल पकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है। इनके पिता श्री जैनुलाबदीन मध्यमवर्गीय परिवार के थे। कलाम ने अपने पिता से ईमानदारी, आत्मानुशासन की विरासत पाई और माता से ईश्वर-विश्वास तथा करुणा का उपहार लिया।                 कलाम ने 1950 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से बी० एस० सी० की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने मद्रास इंस्टीटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से एरोनोटिकल इंजीनियरिंग में उपाधि प्राप्त की। 1958 ई० में कलाम डी० टी० डी० एंड पी० में तकनीकी केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर नियुक्त हुए। 1963 से 1982 ई० तक कलाम ने अन्तरिक्ष अनुसंधान समिति में विभिन्न पदों पर काम किया।                सन 1981 के गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर डा० कलाम को ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा 1990 ई० में इन्हें ‘पद्म विभूषण’ और 1997 ई० में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। 25 जुलाई 2002 को डा० कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। कलाम ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्द हैं।                 सोमवार दिनांक 27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में हृदयाघात होने से डॉ कलाम का देहान्त हो गया। वे भारतीय प्रबन्ध संस्थान में एक लैक्चर दे रहे थे कि अचानक बेहोश हो गए। पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. कलाम का अन्तिम संस्‍कार पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ गुरूवार, 30 जुलाई, 2015 को सुबह 11 बजे तमिलनाडु के रामेश्‍वरम नगर में किया गया।                 डा० अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ गंभीर चिंतक और अच्छे इंसान भी थे। बाल-शिक्षा में विशेष रूचि रखने वाले कलाम को वीणा बजाने का भी शौक था। राजनीति से दूर रहकर भी कलाम राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर विराजमान रहे।

महात्मा बुद्ध (Hindi Essay Writing)

महात्मा बुद्ध महात्मा बुद्ध’ के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म लगभग ढाई हजार वर्ष पहले कपिलवस्तु के राजा शुद्धोदन के घर में हुआ था। उनकी माता का नाम महामाया था। सिद्धार्थ बचपन से ही करुणायुक्त और गंभीर स्वभाव के थे। बड़े होने पर…
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नरेन्द्र मोदी (Hindi Essay Writing)

नरेन्द्र मोदी ‘नरेन्द्र मोदी’ का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले में स्थित एक छोटे से गांव वडनगर में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचन्द मोदी एवं माता का नाम हीराबेन मोदी था। उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में…
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बाल श्रम (Hindi Essay Writing)

बाल श्रम बाल श्रम से तात्पर्य ऐसे कार्यों से है। जो अवयस्क बच्चों से लिया जाता है। बाल श्रम भारत जैसे विकासषील देष के लिए एक राष्ट्रीय समस्या है। बाल श्रम के अंतर्गत वैसे सारे कार्य आते हैं जो बच्चों से स्वेच्छा अथवा जबरन कराए जाते हैं। आज विश्व के अनेक राष्ट्रों ने बाल श्रम…
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सरस्वती पूजा (Hindi Essay Writing)

सरस्वती पूजा सरस्वती पूजा प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। यह पूजा माँ सरस्वती जिन्हें विद्या की देवी माना जाता है के सम्मान में आयोजित किया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। माँ सरस्वती को विद्यादायिनी एवं हंसवाहिनी कहा जाता है। सरस्वती पूजा के…
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दहेज प्रथा (Hindi Essay Writing)

दहेज प्रथा दहेज.प्रथा का उदभव कब और कहां हुआ यह कह पाना असंभव है। विश्व के विभिन्न सभ्यताओं में दहेज लेने और देने के पुख्ता प्रमाण मिलते हैं। इससे यह तो स्पष्ट होता है कि दहेज का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। अब हम यह जान लें कि दहेज कि वास्तविक परिभाषा क्या है दहेज के…
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भारत की परम्पराओं पर हावी होती पाश्चात्य संस्कृति (Hindi Essay Writing)

भारत की परम्पराओं पर हावी होती पाश्चात्य संस्कृति आज समस्त विश्व पाश्चात्य संस्कृति का अनुपालन कर रहा है, ऐसे में भला भारतवासी कहाँ पीछे रहने वाले हैं। अतः भारत में भी पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति का अनुगमन व अनुपालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। लोग इसके अनुपालन कर स्वयं को आधुनिक एवं विकसित देषों के समक्ष…
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रेल-यात्रा (Hindi Essay Writing)

रेल-यात्रा ‘‘यात्रा’’ शब्द आते ही लोगों के मन में रेल-यात्रा का ही ख्याल आ जाता है। भारत जैसे राष्ट्र में जहां की आबादी 110 करोड़ को लांघ चुकी है वहाँ रेल यात्रा का अत्यन्त महत्व है। वैसे तो यात्रा हेतू लोग हवाई जहाज, बस, कारों और पानी जहाजों का भी प्रयोग करते हैं, परन्तु जो…
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