Category: Hindi Nibandh Lekhan हिंदी निबंध लेखन

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पुस्तकालय (Hindi Essay Writing)

पुस्तकालय पुस्तकालय से तात्पर्य है पुस्तकों का घर। विद्या के प्रचार-प्रसार में विद्यालयों के अतिरिक्त पुस्तकालयों का ही सर्वाधिक योगदान होता है। यह वही स्थल है जहां हमें भांति-भांति के विषयों की सहज जानकारी उपलब्ध हो जाती है। पुस्तकालयों का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। प्राचीन काल से ही जब से भाषा को लिपिबद्ध करने का…
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सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ताँ हमारा (Hindi Essay Writing)

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ताँ हमारा हमारा देश भारत अत्यन्त महान् एवं सुन्दर है। यह देश इतना पावन एवं गौरवमय है कि यहाँ देवता भी जन्म लेने को लालायित रहते हैं। हमारी यह जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। कहा गया है-श्जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीबसीश् अर्थात् जननी और जन्म भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।…
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मेरे सपनों का भारत (Hindi Essay Writing)

मेरे सपनों का भारत भारत हमारी जन्म एवं कर्मभूमि है। भिन्न-भिन्न जाति वर्ग के लोगों के बीच इस देश ने अपनी पारंपरिक सभ्यता-संस्कृति एवं सर्वधर्मसहिष्णुता की भावना के कारण विश्व में अपनी अनूठी पैठ बना रखी है। भारत सदियों से विश्व का मार्गदर्शक बना हुआ है। ऐसे में देश की प्रतिष्ठा दिन-व-दिन धूमिल होती जा…
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ग्लोबल वार्मिंग के खतरे (Hindi Essay Writing)

ग्लोबल वार्मिंग के खतरे ग्लोबल वार्मिंग अर्थात् विश्वव्यापी तापक्रम वृद्धि से तात्पर्य विश्व के औसत तापक्रम में आई वृद्धि से है। आज पूरे विश्व के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के अंतर्गत अनावश्यक तापक्रम वृद्धि से उत्पन्न विश्वव्यापी खतरों को चिन्हित किया जाता है। विश्व के अधिकांश देशों ने ग्लोबल…
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दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण (Hindi Essay Writing)

दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण प्रदुषण ने आज समस्त संसार को अपने आगोश में ले लिया है। संसार का शायद ही कोई ऐसा भाग बचा हो जो प्रदुषण के प्रकोप से से अछुता हो। पर्यावरण में मानव के अति हस्तक्षेप ने तो मानव के अस्तित्व को ही खतरे में ला खड़ा किया है। आज घर हो या…
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बाल श्रम- एक सामाजिक अपराध (Hindi Essay Writing)

बाल श्रम- एक सामाजिक अपराध बाल श्रम की परिभाषा- सामान्यतः बाल श्रमिक उन बच्चांे को कहा जाता है जिनकी आयु 14 वर्ष से कम हो तथा जो संगठित एवं असंगठित क्षेत्र में रोजगार पर लग जाने के कारण शाररीक, मानसिक विकास में पिछड जाते हैं।बाल श्रम समस्या कैसे?- आज भारत में बाल श्रम एक गम्भीर…
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बाल श्रमिक: एक जटिल समस्या (Hindi Essay Writing)

बाल श्रमिक: एक जटिल समस्या हमारा देश एक विशाल देश है। इस देश में सभी धर्मों, जातियों, वेश-भूषा व विभिन्न संप्रदायों के लोग निवास करते हैं। देश ने स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। विकास की आधुनिक दौड़ में हम अन्य देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे…
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बाल श्रम-01 (Hindi Essay Writing)

बाल श्रम-01 बाल श्रम से तात्पर्य ऐसे कार्यों से है। जो अवयस्क बच्चों से लिया जाता है। बाल श्रम भारत जैसे विकासषील देष के लिए एक राष्ट्रीय समस्या है। बाल श्रम के अंतर्गत वैसे सारे कार्य आते हैं जो बच्चों से स्वेच्छा अथवा जबरन कराए जाते हैं। आज विश्व के अनेक राष्ट्रों ने बाल श्रम…
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काश मैं वृक्ष होता (Hindi Essay Writing)

काश मैं वृक्ष होता    वृक्ष प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है। पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है क्योंकि यहाँ वन मौजूद है। पृथ्वी की अनोखी एवं मनमोहक छटा का कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले वृक्षों एवं पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि मैं भी वृक्ष के रूप में प्रकृति का हिस्सा बनना चाहता हूँ ।               यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह प्रकृति के सौन्दर्य एवं ऐश्वर्य का साक्षी होता। जैसा कि हम जानते हैं कि वृक्षों का असंख्य समूह वन का निर्माण करता है। वनों का हमारे पारिस्थितिक तंत्र को नियंत्रित करने में अहम योगदान है। वनों से जहां भोजन हेतु फल-फूल प्राप्त होते हैं वहीं जलावन तथा फर्नीचर के लिए लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं। वन से हमें जड़ी बूटियाँ तथा सबसे अहम शुद्ध हवा मिलती है। इसके अतिरिक्त समस्य वन्य जीवों की आश्रम स्थली वन ही तो है। अतः यदि मैं भी वृक्ष होता तो समस्त जीवों के हितार्थ उपयोग में आता। मुझे मेरे नामों से तो कोई नहीं जानता लेकिन जिसके भी आँगन व बगीचे में होता उसके दिलों में राज करता। कभी मेरे फल तो कभी मेरे फूलों की मदहोश खुशबू लोगों को मेरी ओर खींच लाते।                 वन बनकर मैं प्रकृति के सौन्दर्य को पुनः वापस लाने में सहयोग करता। आज हमारी पृथ्वी वैश्विक खतरे को भाँप चुकी है। वैज्ञानिको सहित लोगों में भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आयी है। अतः मैं पर्यावरण को उसी रूप में लाने के प्रयासों का भागी बनता।                 अतः मेरी यह दिली कामना है कि मेरा जन्म कभी-न-कभी वृक्ष के रूप में हो ताकि मैं प्रकृति के नैसर्गिक सौन्दर्य का हिस्सा बन कर इतरा सकूॅं।

लाल बहादुर शास्त्री-03 (Hindi Essay Writing)

लाल बहादुर शास्त्री-03 लाल बहादुर शास्त्री देश के सच्चे सपूत थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देशभक्ति के लिए समर्पित कर दिया । एक साधारण परिवार में जन्में शास्त्री जी का जीवन गाँधी जी के असहोयग आंदोलन से शुरू हुआ और स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के रूप में समाप्त हुआ । देश के लिए उनके समर्पण भाव…
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