आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है। अनादी काल से ही मनुष्य को जिन-जिन चीजों की जरूरत होती गई है उन्हें पाने के लिए वह खोज करता रहता है। इन्हीं नये तरीकों और आविष्कारों ने विज्ञान को जन्म दिया है। जिसका फल यह हुआ है कि आज विज्ञान की इतनी प्रगति हुई है कि इसको चमत्कार कहना अत्युक्ति होगी क्योंकि विज्ञान ने ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आश्चर्यजनक अविष्कार करके एक चमत्कार उत्पन्न कर दिया है।रोज में होने वाले वैज्ञानिक आविष्कार संसार में नूतन क्रांति कर रहे हैं। आज विज्ञान के कारण हमारे कठिन काम को बहुत ही आसानी से पूरा किया जा सकता है। आज विज्ञान के इतने अविष्कारों के कारण मानव इतना मजबूत हो गया है कि वह दुनिया के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।विज्ञान की तकनीक की वजह से आज के मानव ने दुनियाभर की चीजों पर काबू पा लिया है। विज्ञान की मदद से हम एक गृह से दूसरे गृह पर बहुत ही आसानी से जा सकते हैं। विज्ञान की मदद से हम समुद्र में भी साँस ले सकते हैं। आज के समय में विज्ञान के बढ़ते अविष्कार की वजह से ही मानव चंद्रमा और मंगल जैसे गृहों पर रहने के लिए बहुत सी योजनायें बना रहा है। पुरातन काल की असंभव चीज को आज विज्ञान के द्वारा संभव किया जा चुका है।विज्ञान का अर्थ : विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है- वि+ज्ञान। जिसमें वि उपसर्ग लगा है। वि का अर्थ होता है विशेष, अथार्त दुनिया का विशेष ज्ञान। विशेष ज्ञान वह होता है जो किसी भी कल्पना और अंधविश्वास पर नहीं टिका होता है। विज्ञान किसी संभावना को उस समय तक स्वीकार नहीं करता है जब तक कि कोई कारण बुद्धि के सामने प्रत्यक्ष रूप से न आ जाए। विश्वसनीय सिर्फ वही होता है जिसका प्रयोगात्मक अध्धयन संभव हो। प्रयोग पर प्रमाणिकता का सिद्ध होना इसकी सबसे बड़ी कसौटी है।वरदान के रूप में : विज्ञान ने जितनी प्रगति इस शताब्दी में की है उतनी उससे पहले नहीं की थी। इस शताब्दी में तो विज्ञान ने हर क्षेत्र में अपने वरदान को सिद्ध किया है। विज्ञान ने फ़्रांस, जापान, जर्मनी, इंग्लैण्ड, रूस, अमेरिका आदि देशों के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत ही आश्चर्यजनक आविष्कार करके खुद को उन्नति के शिखर पर पहुंचा दिया है।1. यातायात के क्षेत्र में : जिस क्षेत्र की यात्रा को करने में मनुष्य दिनों व महीनों को लगाता था आज के समय में उस यात्रा को घंटों में ही पूरा कर लेता है। मोटर कार, हवाई जहाज, रेलगाड़ी, बस, पानी के जहाज, हैलिकोप्टर आदि सभी यातायात के प्रमुख साधन हैं। इन साधनों ने सारे संसार को सीमित करके एक धागे में बांध दिया है। आज के समय में सारा संसार एक राष्ट्र-सा लगने लगा है।आज विज्ञान यातायात के क्षेत्र में दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। जहाँ पर पहले आम लोगों के लिए ज्यादा किराया होने की वजह से हवाई यात्रा एक सपना हुआ करता था। आज के समय में बदलते दौर के साथ आम लोग भी हवाई यात्रा का किराया दे पाते हैं और हवाई यात्रा का आनंद भी ले पाते हैं। पिछले दस सालों में लगभग हर घर में कार और मोटरसाईकिल पहुंच गयी है जो केवल विज्ञान की प्रगति की वजह से संभव हो पाया है। 2. शक्ति साधनों के क्षेत्र में : प्राचीनकाल में मनुष्य केवल शक्ति अथवा पशु शक्ति से ही अपने सारे कामों को पूरा करता था। आज के समय में विज्ञान ने मनुष्य को भाप, खनिज, तेल, कोयला, व बिजली को असीमित शक्ति के रूप में प्रदान किया है। बिजली के आविष्कारों ने चारों तरफ चकाचौंध कर दिया है। बिजली एक तरफ तो हमें शक्ति देती है तो दूसरी तरफ रौशनी देकर रात को दिन की तरह बना देती है। आज के समय में बिजली ने मनुष्य का बहुत कल्याण किया है। भोजन, चाय, वस्त्र, प्रक्षालन, भवन की सफाई आदि सभी काम बिजली की मदद से पूरे हो जाते हैं।3. चिकित्सा के क्षेत्र में : आज का विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि उसने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। कुछ सालों पहले तक कैंसर एक बहुत ही बड़ी और जानलेवा बीमारी थी जिसे खत्म नहीं किया जा सकता था लेकिन आज विज्ञान ने इसे खत्म करने के लिए बहुत से तरीके खोज निकालें हैं।विज्ञान ने चिकित्सा के क्षेत्र में मनुष्य को एक नूतन जीवन प्रदान किया है। जिन असाध्य रोगों और महामारियों को मनुष्य प्रकृति का प्रकोप और अभिशाप समझकर चुप लगा जाता था आज विज्ञान ने उन्हें दूर करने के लिए अनेक साधन उपलब्ध करा दिए हैं। हैजे, चेचक, प्लेग जैसी बिमारियों को विज्ञान ने जड़ से समाप्त करने के कई साधन उपलब्ध करा दिए हैं।विज्ञान ने इंजैक्शन, एक्सरे, रेडियम और विद्युत् चिकित्सा ने एक मरे हुए इंसान में प्राण डाल दिए हैं। शल्य चिकित्सा द्वारा मनुष्य ने अद्भुत और आश्चर्यजनक सफलता को प्राप्त किया है। विज्ञान द्वारा रोगी के शरीर को चीरकर उस पर कृत्रिम अवयवों को जोडकर, एक बहुत ही अद्भुत उपचार किया है।यह सभी विज्ञान के बढ़ते विकास के कारण ही संभव हो पाया है। चिकित्सा क्षेत्र में आइसोटोप का निर्माण मुम्बई से 15 मील दूर ट्राम्बे नामक स्थान में हो रहा है। आइसोटोप के द्वारा आज अनेक औषधियां बनने लगी हैं। परिवार नियोजन के क्षेत्र में भी विज्ञान उपयोगी सिद्ध हो रहा है।4. संचार के क्षेत्र में : संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान ने एक अद्भुत प्रगति की है। पहले जिस समाचार को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचाने में दिन और महीने लगते थे लेकिन आज उस समाचार को पहुँचाने में मिनट या सेकेण्ड लगते हैं। संसार में किसी भी क्षेत्र में घटने वाली कोई भी घटना सारे संसार में बिजली की तरह फैल जाती है।संचार के क्षेत्र में रेडियो और टेलीविजन ने एक अद्भुत सफलता प्राप्त की है। संसार के किसी भी क्षेत्र में घटने वाली घटना को रेडियो और टेलीविजन द्वारा प्रसारित किया जाता है। वैश्वीकरण के इस दौर में दुनिया की खबर को हम घर बैठे अपने मोबाईल फोन से प्राप्त कर सकते हैं। फेसबुक, ट्विटर, वाट्सऐप के सहारे हम अपने संगे संबंधियों से कोशों दूर रहकर भी उनसे 24 घंटे में जुड़ जाते हैं।5. औजारों के क्षेत्र में : आधुनिक युग में टॉप बम्ब, टैंक, प्रक्षेपास्त्रों के द्वारा युद्ध किया जाता है। बमवर्षक विमानों ने युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र जिनकी मार 10000 किलोमीटर तक है संसार को पूर्ण विनाश की तरफ ले जा रही है। बहुत से देशों जैसे- रूस, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन आदि ने इस दिशा में प्रचूर प्रगति की है।आज के समय में अणु बम्ब, उद्जन बम्ब ये सभी विनाश के ही पर्याय हैं। अणु शक्ति का विकास विज्ञान का महत्वपूर्ण चमत्कार है। अणु शक्ति को यदि विनाश की जगह पर रचना की तरफ लगाया जाए तो इससे मानव जाति को बहुत बड़ा लाभ होगा। रेगिस्तान को हरे-भरे खेतों में बदला जा सकता है। बनावटी वर्षा की जा सकती है। गर्मी और सर्दी को उत्पन्न किया जा सकता है। परमाणु शक्ति से उत्पन्न बिजली बहुत ही सस्ती पड़ेगी।6. मनोरंजन के क्षेत्र में : मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान ने अपना बहुत योगदान दिया है। मनोरंजन करना मनुष्य की स्वाभाविक प्रकृति होती है। विज्ञान की प्रगति के साथ मनोरंजन के साधनों में भी प्रगति हुई है। चलचित्र, वीडियो, दूरदर्शन, खेल आदि सभी मनोरंजन के आधुनिक और वैज्ञानिक साधन हैं। आज के समय का मनुष्य घर पर बैठे दूरदर्शन पर फिल्म देखकर अपना भरपूर मनोरंजन कर लेता है।7. औद्योगिक क्षेत्र में : विज्ञान ने सुख के उपयोग के लिए अनेक प्रकार की सामग्री जुटाई है। पहले लोग ऊन या फिर सूत के वस्त्र पहनते थे। लेकिन अब नाइलोन और टैरालीन के वस्त्र पहनते हैं। ये वस्त्र ज्यादा चलने वाले और ज्यादा चमकीले होते हैं। आज के विशाल कारखाने देखते-ही-देखते माल का ढेर लगा देते हैं। इन कारखानों में बहुत सी मशीने अपने-आप चलने वाली होती है। आज हमारे देश के इंजन, बिजली का सामान, टेलीफोन, मशीनें, खिलौने, जूते विदेशों में बहुत बड़ी संख्या में भेजे जाते हैं।8. कृषि के क्षेत्र में : आज के समय में ऐसी मशीनें बन गई हैं जो जोतने, फसल काटने, अनाज तैयार करने आदि का काम करती हैं। कीटनाशक दवाईयों का छिडकाव करके फसलों को रोगों से बचाया जाता है। रासायनिक खाद से फसल दुगुनी-चौगुनी पैदा की जा सकती है।अभिशाप के रूप में : किसी चीज की अधिकता भी नाश का एक प्रमुख कारण होती है। विज्ञान ने जितने भी साधन मनुष्य को उपलब्ध कराए हैं वो सभी उसके सुविधा के लिए ही उपलब्ध कराए गये हैं लेकिन अगर उनका उपयोग गलत ढंग से और ज्यादा किया जायेगा तो वे हमारे लिए घटक सिद्ध होते हैं।यातायात के साधनों ने जहाँ पर मनुष्य के समय की बचत की है तो वहीं पर उससे अनेक दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। हम अक्सर सुनते रहते हैं कि विमान, रेलगाड़ी, बसों की दुर्घटना में हजारों व्यक्ति एक ही पल में मौत को प्राप्त हो गये। आज के समय में इन साधनों ने मानव जीवन को बिलकुल क्षणिक बना दिया है।बिजली ने आज के मनुष्य को गुलाम बना लिया है। हर दैनिक काम बिजली से ही समाप्त होता है। थोड़ी-सी असावधानी से ही बहुत बड़ी दुर्घटना हो जाती है। वैज्ञानिक प्रगति का एक सबसे बड़ा अभिशाप अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों का आविष्कार है। प्राचीनकाल के युद्धों में केवल सेना को नुकसान पहुंचाया जाता था लेकिन आज ऐसे शस्त्रों का निर्माण किया गया है जिनकी वजह से अबोध जनता, पशु-पक्षी, सारा प्राणी जगत ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।उपसंहार : विज्ञान के नित नए आविष्कार हमारे जीवन में प्रतिदिन चमत्कार उत्पन्न कर रहे हैं। हर दिन एक नई खोज , नए उत्पाद से हमारा परिचय हो रहा है जो हमारे जटिल जीवन को सरल बना रहे हैं। विज्ञान हमारे लिए वरदान भी होता है तो अभिशाप भी होता है।विज्ञान ने जितने भी साधनों का आविष्कार किया है वो सभी हमारे लिए वरदान सिद्ध हुए हैं लेकिन अगर हम उन साधनों का अनुचित प्रयोग करते हैं तो वो हमारे लिए अभिशाप बन जाते हैं। विनाशकारी साधनों पर रोक लगनी चाहिए। इस तरह से मनुष्य को खुद को बचाने के लिए विज्ञान को वरदान के रूप में ही प्रयोग करना चाहिए। विज्ञान का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।