भारतीय संस्कृति -8: आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला

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भारतीय संस्कृति -8: आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला

भारत की आधुनिक काल की स्थापत्य कला पर ब्रिटिश स्थापत्य कला का स्पष्ट नमूना दिखाई देता है। हालांकि मंदिर, मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल पहले की तरह ही बनते रहे। भले ही ब्रिटिशों ने भारत की धन-दौलत, संस्कृति को नुकसान पहुंचाया, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं, उन्होने भारत की प्राचीन कला की वास्तुकला का संरक्षण किया।

अंग्रेजों भी स्थापत्य कला मे कभी पीछे नहीं रहे। विक्टोरिया मेमोरियल, सेंट जॉर्ज, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, राष्ट्रपति भवन आदि ब्रिटिश स्थापत्य कला के उदाहरण हैं।

ऐसा नहीं है स्वतन्त्रता से पहले केवल अंग्रेजों ने ही स्थापत्य कला के नमूने पेश किए। भारतीय राजा भी इसमें पीछे नहीं रहे। जयपुर का उमेद भवन पैलेस इस बात का सर्वोत्तम उदाहरण है।

राष्ट्रपति निवास, शिमला

शिमला अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। यहाँ उन्होने वाइसरॉय के रहने का स्थान वाइसरॉय लॉज बनवाया, जिसे राष्ट्रपति भवन कहा जाता है। इसे ब्रिटिश वास्तुविद हेनरी इरविन ने डिज़ाइन किया था। इसका निर्माण 1880 से 1888 तक हुआ।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस

इसे 1887 में बनाया गया और यह मुंबई में स्थित रेलवे स्टेशन है। इसे पहले विक्टोरिया टेर्मिनस कहा जाता था लेकिन 1996 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया। यह एक युनेस्को स्थलों में से है।

विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता

इसका निर्माण 1906 से 1921 के बीच अंग्रेजों ने कराया। यह कोलकाता में स्थित है। यह रानी विक्टोरिया की मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में बनाया गया।

सेंट पॉल कैथेड्रल

यह कोलकाता में स्थित गिरिजाघर है। इसका निर्माण 1847 में हुआ।

सेंट जॉर्ज फोर्ट, चेन्नई

इसका निर्माण ब्रिटिश ने चेन्नई में 1644 में कराया। यह ब्रिटिश वास्तुकला का एक श्रेष्ठ नमूना है।

गेट वे ऑफ इंडिया

यह मुंबई में स्थित है। इसका निर्माण 1911 में कराया गया। इसका निर्माण किंग जॉर्ज V और क्वीन मैरी के भारत आगमन पर उनके स्वागत मेन कराया गया।

नयी दिल्ली

ब्रिटिश लोगों ने 1911 में देश की राजधानी का कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरण किया। 1911 से 1931 तक 4000 एकड़ के क्षेत्र में नयी दिल्ली का निर्माण हुआ। आज भारत की राजधानी नयी दिल्ली है। यहाँ ब्रिटिश ने कई सरकारी भवनों का निर्माण कराया जिसमें से सचिवलय भवन,इंडिया गेट, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन प्रमुख हैं। सचिवालय का निर्माण 1911 से 1927 के बीच हुआ। इसके वास्तुविद हर्बट बेकर थे। इंडिया गेट प्रथम विश्व यूध्द में वीरगति प्राप्त भारतीय सिपाहियों की याद में किया गया। इसका निर्माण 1921 से 1933 के बीच हुआ। इसे एडविन लुटियन्स ने डिजाइन किया था। इस पर 13,218 सिपाहियों के नाम खुदे हैं।राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1912 से 1929 के बीच हुआ। इसे रायसेना हिल्स भी कहा जाता है। इसमें कुल- मिलकर 340 कमरे हैं। इसमें मुगल गार्डेन भी है।क़नॉट प्लेस एक व्यावसायिक केंद्र है। इसका निर्माण भी ब्रिटिश काल में हुआ।

अन्य

इसके अलावा ब्रिटिश शासन में मुंबई विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, सेंट जोन्स कॉलेज (आगरा), चेन्नई उच्च न्यायालय, रिपन बिल्डिंग (चेन्नई), राज भवन( नैनीताल), राज भवन(कोलकाता), लखनऊ रेलवे स्टेशन, बेंगलुरु विधानसभा, प्रयागराज उच्च न्यायालय आदि का निर्माण हुआ।

भारतीयों द्वारा बनवाए गए ब्रिटीशकालीन स्थल

ब्रिटिश काल में भारतीयों ने भी अपनी स्थापत्य कला के उदाहरण पेश किए-

  • उमैद भवन पैलेस, जोधपुर
  • बिरला मंदिर, दिल्ली
  • ताज होटल, मुंबई

स्वतन्त्रता के बाद

स्वतन्त्रता के बाद भारत में स्थापत्य कला में काफी उन्नति हुई। भारत की आधुनिक स्थापत्य कला विश्व के समकालीन है। भारत के मंदिरों में भी आधुनिक कला का प्रभाव साफ दिखाई देता है। दिल्ली का लोटस टैम्पल इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।

आधुनिक काल के हिन्दू मंदिर

  • बिरला परिवार द्वारा बनवाए गए मंदिर आधुनिक स्थापत्य कला का सुंदर नमूना हैं। भारत में लगभग 20 बिरला मंदिर हैं।
  • सोमनाथ मंदिर महमूद गजनवी द्वारा नष्ट कर दिया गया था, जिसे स्वतन्त्रता के बाद 1951 में संसद द्वारा कानून बनाकर पुनः तैयार किया गया। इसमें प्राचीन और आधुनिक कला का बेजोड़ नमूना है।
  • तुलसी मानस मंदिर 1964 में तैयार हुआ, यह वाराणसी में स्थित है।
  • अक्षरधाम मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के मंदिर हैं। दिल्ली और अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिर प्रसिद्ध हैं।
  • इस्कॉन भगवान कृष्ण के मंदिरों को समर्पित है। देश- दुनिया में इन मंदिरों कि बड़ी शृंखला है।

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