बालिका शिक्षा (Hindi Essay Writing)

Created with Sketch.

बालिका शिक्षा


शिक्षा हर मनुष्य के लिए अत्यन्त अनिवार्य घटक है। बिना शिक्षा के मनुष्य को पशु की श्रेणी में रखा जाता है। शिक्षा की जब बात आती है तो आज भी ऐसे सैकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे जिससे शिक्षा में असमानता मिल जाएगी। प्राचीन काल में नारी शिक्षा अथवा बालिका शिक्षा का विशेष प्रबंध था, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व तक बालिका शिक्षा की स्थिति अत्यन्त सोचनीय थी। बालिका शिक्षा का हमारे देश में अत्यन्त महत्व है। आज भी हमारे देश में लड़के और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों मे तो लड़कियों की स्थिति सोचनीय हो जाती है। ग्रामीण परिवेश में लोग शिक्षा के महत्व से परिचित नहीं हो पाते हैं। उनकी दृष्टि में पुरूषों को शिक्षा की जरूरत होती है क्योंकि वे नौकरी करने अथवा काम करने बाहर जाते हैं, जबकि लड़कियां तो घर में रहती हैं और शादी के बाद घर के काम-काज में ही उनका ज्यादातर समय बीत जाता है। आज समय तेजी से बदल रहा है। पुरूषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा ऐसे अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं जिससे बालिकाओं के निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं। आम चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। इन सब ने आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का रूझान पढ़ाई की ओर कर दिया है। आज की लड़कियां घर और बाहर दोनों को संभाल रही हैं। सरकार द्वारा बालिका कल्याण हेतु अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं। इन सब का परिणाम है कि दो दशक पूर्व और आज के बालिकाओं की स्थिति की तुलना करें तो हमें क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई पड़ेंगे । आज का समाज तेजी से बदल रहा है। आज महिलाओं को पुरूषों के समकक्ष माना जा रहा है। बालिका शिक्षा से आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। बाल विवाह, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न जैसी घटनाओं में कमी और जागरूकता आयी है। महिलाओं को समाज के अभिन्न अंग के रूप में पूरे विश्व में स्वीकार किया जाने लगा है। अतः हम पूरे विश्व में कहीं भी चले जाएंगे ऐसे परिवर्तन दिख जाएंगे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This is a free online math calculator together with a variety of other free math calculatorsMaths calculators
+