प्राचीन भारतीय इतिहास : 3 – सिंधु घाटी सभ्यता

Created with Sketch.

प्राचीन भारतीय इतिहास : 3 – सिंधु घाटी सभ्यता

सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है, इसका अनुमानित समय काल 2500 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व है। सिन्धु घाटी सभ्यता कांस्ययुगीन (ब्रोंज ऐज) थी।  इसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है। यह सभ्यता नगरीय थी। इस सभ्यता का विस्तार भारत के पश्चिम व उत्तर पश्चिम तथा पाकिस्तान के पंजाब व सिंध प्रांत में मौजूद थी। 1921 में सर्वप्रथम हड़प्पा नामक स्थान पर खनन के इसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है। 1826 ईसवी में चार्ल्स मेंसर्न ने हड़प्पा में किसी प्राचीन सभ्यता के होने का उल्लेख किया। वर्ष 1921 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अध्यक्ष जॉन मार्शल के निर्देश पर हड़प्पा स्थान के बारे में पता चला।

हड़प्पा सभ्यता में सर्वाधिक साक्ष्य जीवाश्म के रूप में मोहनजोदड़ो से मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता में 4 प्रमुख प्रजातियों भू-मध्यसागरीय, प्रोटो-ऑस्ट्रेलियाड, मोंगोलोइड व अल्पाइन के निवास के संकेत मिलते हैं। इनमे भूमध्यसागरीय प्रजाति के लोग सर्वाधिक हैं।

सिन्धु घाटी सभ्यता का भौगोलिक विस्तार पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर  उत्तर प्रदेश में था। इस सभ्यता का उत्तरी छोर जम्मू के मांडा में जबकि दक्षिणी छोर महाराष्ट्र के दैमाबाद में स्थित था। इस सभ्यता का पूर्वी छोर उत्तर प्रदेश के आलमगीरपुर व पश्चिमी छोर बलूचिस्तान के मकरान तट पर स्थित है। यह एक त्रिभुजाकार क्षेत्र में फैली हुई थी, यह सभ्यता लगभग 12,99,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई थी। यह क्षेत्र मेसोपोटामिया और मिस्र से भी बड़ा है।

सिन्धु घाटी सभ्यता के क्षेत्र पुरातन स्थल      

क्षेत्रपुरातन स्थल
अफ़ग़ानिस्तानमुंडीगाक, शोर्तुघई
बलूचिस्तानमेहरगढ़, सुत्कागेंदोर, सुत्काकोह, बालाकोट, रानाघुन्ड़ई, कुल्ली, दबसादात और डाबरकोट
सिंधकोटदिजी, आमरी, मोहनजोदड़ो, अलीमुराद, चंहुदड़ो, जुडीरोजड़ो
गुजरात

·         कच्छ का रण

·         काठियावाड़ क्षेत्र

 

धोलावीरा, देशलपुर, सुरकोतदा

लोथल, रंगपुर, रोजड़ी, मालवण, भगतराव

राजस्थानकालीबंगा
उत्तर प्रदेशआलमगीर, बड़ागाँव और हुलास
जम्मू-कश्मीरमांडा
हरियाणाराखीगढ़ी, बनवाली, मीताथल, दौलतपुर, सीसवाल
पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान)हड़प्पा, डेरा इस्माइलखान, रहमानढेरी, जलीलपुर
पंजाब (भारत)रोपड़, बाड़ा, संधोल

 

क्रम संख्यास्थान  भौगोलिक स्थिति  खोजकर्ता/वर्षसाक्ष्य
1हड़प्पारावी नदी, मोंटगोमेरी (पाकिस्तान)दयाराम साहनी (1921)श्रमिक निवास, सोलह भट्टियाँ, धोती पहने मूर्ति, अन्नागार, कब्रिस्तान R-37, शंख का बना बैल, कांसे का इक्का व दर्पण, मंजूषा, बर्तन पर मछुआरे का चित्र इत्यादि।
2मोहनजोदड़ोसिन्धु नदी, लरकाना (पाकिस्तान)राखाल दास बनर्जी (1922)स्नानागार, अन्नागार, कांसे की नर्तिकी की मूर्ति, कुम्हार के 6 भट्टे, सूती कपड़ा, शतरंज की गोलियां, दाढ़ी वाला व्यक्ति, हाथी का कपाल खंड, पशुपति शव के अंकन क मुहर।
3सुत्कागेंदोरदाश्क नदी, बलूचिस्तान (पाकिस्तान)ओरलस्टाइन व जॉर्ज डेल्स (1927)नदी की तटीय व्यापारिक चौकी, राख से भरा बर्तन, ताम्बे की कुल्हाड़ी, मिटटी से बनी चूड़ियाँ।
4आमरीसिन्धु नदी, सिंध (पाकिस्तान)एन.जी. मजूमदार (1929), जॉर्ज एफ. डेल्स (1963 /79)बारहसिंगा के साक्ष्य
5चंहुदडोसिन्धु नदी, सिंध (पाकिस्तान)एन.जी. मजूमदार (1931)मुहर निर्माण केंद्र, मिट्टी की बनी बैलगाडी का प्रतिरूप, कांसे की खिलौना गाडी, दवात, मनके का कारखाना
6कालीबंगाघग्गर नदी, राजस्थान (भारत)अमलानन्द घोष (1953/60)हाल द्वारा जुते हुए खेत, बेलनाकार मुहर, पक्की मिट्टी का हल, सबसे पहले भूकंप का साक्ष्य, अग्निकुंद, ऊँट की हड्डियाँ, कच्ची व अलंकृत ईंट।
7रंगपुरसिन्धु नदी, सिंध (पाकिस्तान)फज़ल अहमद (1953-54)पत्थर की नींव वाले घर, पट्टी के आकार का वाणाग्र, गर्तवास, गहने, चाक पर निर्मित मृदभांड
8रोपड़सतलुज नदी, पंजाब (भारत)यज्ञदत्त शर्मा (1953-54)ताम्बे की कुल्हाड़ी, शंख की चूड़ियाँ, कुत्ते को मालिक के साथ दफनाने के साक्ष्य
9रंगपुरमादर नदी, गुजरात (भारत)रंगनाथ राव (1953/54)धान की भूसी, घोड़े की मृणमूर्ति, कच्ची ईंटों का दुर्ग, पत्थर के फलक।
10सुरकोटडाकच्छ, गुजरात (भारत)जे.पी. जोशी (1954)घोड़े की हड्डियाँ, कलश।
11लोथलभोगवा नदी,गुजरात (भारत)रंगनाथ राव (1957)अन्नागार, सोने के मनके, मनका कारखाना, बंदरगाह, युग्म शवधान, धान की खेती
12आलमगीरहिंडन नदी, उत्तर प्रदेश (भारत)यज्ञदत्त शर्मा (1958)रोटी बेलने की चौकी, कटोरे के टुकड़े, मिट्टी के बर्तन, गंगा-यमुना दोआब का पहला उत्खनित स्थान।
13धौलावीराखदिर बेत नदी, कच्छ, गुजरात (भारत)बी.बी. लाल (1959) आर.एस. बिष्ट (1990-91)तीन भागों में विभाजित एक मात्र नगर, नागरिक उपयोग के लिए सबसे बड़ा अभिलेख, खेल का मैदान, पत्थर से बनी नेवले की मूर्ति।
14राखीगढ़ीघग्गर नदी, हरियाणा (भारत)सूरजभान (1963)प्राक हड़प्पा व परिपक्व हड़प्पा के साक्ष्य। भारत में स्थित इस सभ्यता का सबसे बड़ा स्थान, चबूतरे पर बनी अग्निवेदिका।
15बनावलीरंगोई नदी, हरियाणा (भारत)आर.एस. बिष्ट (1973)सुव्यवस्थित अपवहन तंत्र का अभाव, स्वर्णपट, मिटटी के मनके, ताम्बे की बनी मछली पकड़ने की बंसी, मिट्टी से बने हल का प्रतिरूप, प्रतिरक्षा दीवार के बहार गहरी और चौड़ी खाई।
16बालाकोटअरब सागर, बलूचिस्तान (पाकिस्तान)आर.एस. बिष्ट (1974/77)पूर्व हड़प्पा के अवशेष, भवन निर्माण के लिए कच्ची ईंटों का प्रयोग, सीपों की कार्यशाला।
17अल्लाहदिनोंसिन्धु नदी (पाकिस्तान)डब्ल्यू.ए. फेयरसर्विस (1976)वितरण केंद्र, पत्थर की विशाल दीवार की नींव, सोने चांदी के आभूषण।
18कुणालसरस्वती नदी, हिस्सार, हरियाणा (भारत)एस.आर. राव (1994)चांदी के दो मुकुट।
19भगवानपुरासरस्वती नदी, कुरुक्षेत्र, हरियाणा (भारत)जी.पी. जोशीसफ़ेद, काली और आसमानी रंग की चूड़ियाँ, ताम्बे की चूड़ियां
20संधोलपंजाब (भारत)एस.एस. तलवार व आर.एस. बिष्टताम्बे की दो छेनियाँ, वृत्ताकार अग्निकुंड
21मीताथलहरियाणा (भारत)सूरजभानताम्बे की कुल्हाड़ी, संस्कृति के तीनों स्तर
22कुंतासीराजकोट, गुजरात (भारत)एम.के. धाविलकर, एम.आर. रावल, वाई. एम. चित्तलवासलम्बी सुराहियाँ, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी की खिलौना गाडी, ताम्बे की चूड़ियां, दो अंगूठी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This is a free online math calculator together with a variety of other free math calculatorsMaths calculators
+