पडो़सी (Hindi Essay Writing)

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पडो़सी


प्रस्तावना – मनुष्य एक सामाजिक प्राणि हैं। वह समाज में रहता है। प्रत्येक व्यक्ति का एक घर होता हैं। उसके घर के आस-पास अन्य घर भी होते हैं। जो व्यक्ति इन घरों में रहते हैं, पड़ोसी कहलाते हैं। आज अच्छा पडा़ेसी मिलना सौभाग्य की बात हैं। इस सम्बध में मैं अत्यघिक भाग्यशाली हूं। मिस्टर अमित कुमार गुप्ता मेरे पडो़सी हैं। वे केन्द्रीय विद्यालय में अघ्यापक हैं। लगभग चालीस वर्ष के हैं। वे परिश्रमी, फुर्ती से, निष्ठावान, ईमानदार तथा प्रसन्नतापूर्वक कार्य करने वाले सज्जन हैं। उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली है। परिवार परिचय- उनका एक छोटा परिवार है। उनके परिवार में केवल चार सदस्य हैं। उनकी माता जी, पत्नी और एक बेटा । श्रीमती गुप्ता भी एक अच्छी गृिहणी हैं। सदैव अपने कार्यों में व्यस्त रहती हैं। मिस्टर और मिसेज गुप्ता सदैव दूसरों की सहायता करते हैं। वे अपने पडो़सियों की परेशानियों में सहायता करते हैं। मिस्टर गुप्ता एक उपकारी स्वभाव के व्यक्ति हैं। वे व्यावहारिक और ईश्वर में आस्थावान व्यक्ति हैं। वास्तव में इतना अच्छा पडो़सी मिलना सौभाग्य की बात हैं। हर व्यक्ति उनके विषय में अच्छाा विचार रखता है। मुझे अपने पडा़ेसी पर गर्व है। वास्तव में अच्छा या बुरा पडो़सी जीवन को स्वर्ग या नरक बना देता हैं। उपसंहार – पडो़स में रहने वाले व्यक्ति के कारण जहां हम स्वर्ग और नर्क की बात सोच जाते हैं, वहीं इससे आगे बढ़कर हम राष्ट्र-स्तर पर देखें तो राष्ट्र को भी अच्छे पडो़सी राष्ट्र की आवश्यकता होती हैं। यदि किसी देश का पडो़सी देश आक्रामकता की नीति पर चलता है तो उससे देश को सदा खतरा रहता है-पूरे देश की सुख-शांति खोयी रहती हैं। सीमाओं पर फौज की तैनाती रहती है। यदि सुख और शांति से जीने वाला पडो़सी राष्ट्र हो तो उसमें उसके देश की भी प्रगति होती है और दूसरे देश की भी खुशहाली बढ़ती है। अतः हमारे घर का पडो़सी हो या देश का पडो़सी देश, हमें प्रयास करना चाहिए कि ष्जियो और जीने दोष् के सिद्वांत को अपनाकर रहें।

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