विश्व के जानकार देशों के साथ ही एक संपूर्णं डिजिटल सशक्त भारत में बदलने के लिये 1 जुलाई 2015 (डिजिटल सप्ताह के रुप में 1 जुलाई से 7 जुलाई तक) को भारतीय सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई। एक आशाजनक अच्छे प्रतिफल को प्राप्त करने के लिये विभिन्न सरकारी विभाग जैसे आईटी, शिक्षा, कृषि आदि के द्वारा ये प्रोजेक्ट परस्पर संबद्ध है। दूरसंचार और सूचना तकनीक मंत्रालय द्वारा इसकी योजना और अध्यक्षता की गई है। अगर ये अच्छे से लागू हुआ तो भारत के लिये ये एक सुनहरे अवसर के समान होगा। इस प्रोजेक्ट के लोकार्पण के बेहद शुरुआत में ही लगभग 250,000 गाँवों और देश के दूसरे आवासीय इलाकों में तेज गति के इंटरनेट कनेक्शन को उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार के द्वारा एक योजना बनायी गयी थी। इस प्रोजेक्ट में “भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड” द्वारा एक महत्वपूर्णं भूमिका अदा की है गयी जो वाकई सराहनीय है। डिजिटल इंडिया में डेटा का डिजिटलाईजेशन आसानी से होगा जो भविष्य में चीजों को तेज और ज्यादा दक्ष बनाने में मदद करेगा। ये कागजी कार्य, समय और मानव श्रम की भी बचत करेगा। सरकार और निजी क्षेत्रक के बीच गठबंधन के द्वारा ये प्रोजेक्ट गति पकड़ेगा। तेज गति नेटवर्क के साथ आपस में जुड़े हुए बड़ी संख्या के गाँव वास्तव में पिछड़े क्षेत्रों से पूर्णं रुप से डिजिटली लैस इलाकों के रुप में एक बड़े बदलाव से गुजरेगा। भारत में सभी शहर, नगर और गाँव ज्यादा तकनीकी होंगे। मुख्य कंपनियों (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) के निवेश के साथ 2019 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की योजना है। डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट में लगभग 2.5 लाख करोड़ के निवेश के लिये अंबानी के द्वारा घोषणा किया गया है। ये योजना वास्तव में तेज गति की इंटरनेट सेवा के साथ दूर-दराज़ के गाँवों और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के द्वारा खास तौर से भारत के ग्रामीण इलाकों में वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करेगी। खुद प्रधानमंत्री के इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेंगे। इंटरनेट की पहुँच में आने के बाद डिजिटल इंडिया के नागरिक अपने कौशल स्तर और ज्ञान में सुधार कर सकते हैं। ये एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है जो हरेक को फायदा पहुँचायेगा खासतौर से गाँव वालों को जो कई कारणों से कागज़ी कार्य करने में लंबी दूरी तय करते हैं और समय तथा पैसा बर्बाद करते है। पहले से प्रचलित राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना का ये एक बहुत ही प्रभावशाली रुप (नो स्तंभों के साथ जो ब्रॉडबैण्ड हाइवे, लोक हित पहुँच कार्यक्रम, हर जगह मोबाईल कनेक्टिविटी, ई-क्रांति, ई-गर्वनेंस, सभी की सूचना, नौकरी के लिये आईटी, पूर्व फसल कार्यक्रम और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण) है।