जेल में बंद उइगर बुद्धिजीवी इल्हाम तोहती को प्रदान किया गया सखारोव पुरस्कार
यूरोपीय संघ संसद ने जेल में बंद उइगर बुद्धिजीवी इल्हाम तोहती को मानवाधिकार के लिए सखारोव पुरस्कार प्रदान किया गया। इल्हाम तोहती को अलगाववाद के आरोप में चीन में आजीवन कारावास की सज़ा दी गयी है। यूरोपीय संसद के प्रमुख डेविड सास्सोली ने इस पुरस्कार की घोषणा की, साथ ही उन्होंने चीन से इल्हाम तोहती को आज़ाद करने की मांग की है तथा चीन में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कहा है।
सखारोव पुरस्कार
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष यूरोपीय संघ संसद द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार सोवियत भौतिकशास्त्री आंद्रे सखारोव की स्मृति में प्रदान किया जाता है।
पिछले विजेता : क्यूबा के गुइलेर्मो फारिनस (2010), पाकिस्तान की मलाला यूसफजई (2013) तथा इस्लामिक स्टेट से स्वतंत्र होने वाली दो महिलाएं (2016)।
इल्हाम तोहती
वे बीजिंग विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे। 2014 में उन्हें चीन में आजीवन कारावास की सज़ा दी गयी थी। उन्होंने लगभग 20 वर्ष तक उइगर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कार्य किया। सितम्बर 2019 में उन्हें यूरोप के शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार ‘वाक्लाव हावेल प्राइज’ से सम्मानित किया गया था।