जीएसटी पर निबंध
भारत बिजली की गति के साथ प्रगति की ओर बढ़ रहा है, और इस गति को कायम रखने के लिए भारत सरकार को बढ़े बढे निर्णय करने पढ़ेंगे| विमुद्रीकरण (डेमोनेटिज़ेशन) के बाद, जीएसटी विधेयक भारत में सबसे बढ़ा सुधार है। जीएसटी विधेयक के अनुसार, सभी जटिल और कई अप्रत्यक्ष करों को एक अंतिम कर से बदला गया है जो कि जीएसटी है। जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए उठाया गया बड़ा कदम हैं| जानकारी की आभाव से बहोत सारे लोग इसका तिरस्कार भी कर रहें हैं| यह एक दूरदर्शी फैसला है, इससे अर्तव्यवस्थाको अभी कुछ साल शायद थोड़ी तखलीफ होगी, पर यह भविष्य में यह अपना असर दिखायेगा| क्या आप जानते हैं की उद्योजक, उत्पादक, डिस्ट्रब्यूटर, व्होलसेलर, रिटेलर की सबसे बड़ी परेशानी क्या होती हैं? कर, टैक्स, जी हाँ , भारत के पुराणे कर सिस्टम में बहोत सारे कर थे, जैसे वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और बहोत सारे| जीएसटी ने इस उलझन से राहत दी है, अब बस एक ही कर होगा, और उसे जीएसटी कहाँ जाएगा| जीएसटी का पूरा रूप गुड्स और सर्विसेज टैक्स है। जीएसटी एक सरल, परिष्कृत और उपभोक्ता-अनुकूल तरीका है जिससे भारत सरकार व्यवसायोंसे कर जमा करेगी। जीएसटी भारत में पिछले अप्रत्यक्ष कर प्रणालियों को बदलने के लिए लागू किया गया है, यह एक सरल, समान कर प्रणाली है| जीएसटी एक खपत आधारित कर (consumption based tax) है जिसका मतलब है कि जिस राज्य द्वारा जिस उत्पाद या सेवा का सेवन किया जाता है, वहीं राज्य कर जमा करेगा, ना की वह राज्य जहाँ उसका उत्पादन हुआ था| जीएसटी टैक्स सिस्टम “दोहरी जीएसटी” (Dual GST) का रूप लेगा जो केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा समवर्ती लगाया जाता है। जीएसटी एक सरल कर प्रणाली है अब, करदाता को किस प्रकार के करों को भुगतान करना चाहिए, इसके बारे में भ्रमित नहीं होगा। केवल एक कर होगा, जो जीएसटी है। जीएसटी को शुरू करने के पीछे सरकार का एजेंडा है “एक राष्ट्र, एक कर”| जीएसटी भारतीय व्यवसायों और निर्माताओं से करों के तनाव को कम करने जा रहा है। अब उन्हें कम कर देना पड़ता है, और इससे निश्चित रूप से एक बेहतर कारोबारी माहौल और लचीलेपन की संभावना बढ़ जाएगी। स्वीडन, डेनमार्क, जर्मनी, स्विटजरलैंड, जापान जैसे विकसित देशों ने कर संग्रह के लिए एक कॉमन सिस्टम उपलब्ध कराने के लिए जीएसटी (माल और सेवा कर) स्वीकार किया है। जीएसटी वैश्विक व्यापार के लिए एक मानक बन गया है और भारत विकास के लिए प्रगति कर रहा है, हमे एक समान, परिष्कृत कर प्रणाली को गले लगाने की आवश्यकता है जो जीएसटी है। जीएसटी निश्चित रूप से करदाताओं की संख्या में वृद्धि करेगा, जो टैक्स की दरों को कम करने में मदद करेगा क्योंकि अधिक लोग कर जमा करेंगे। कैस्केडिंग टैक्स प्रभाव को हटाना जीएसटी का एक और फायदा है। सरल शब्दों में कहें तो “कैस्केडिंग कर प्रभाव” का मतलब हे की, पिछले कर प्रणाली में, अंतिम उपभोक्ता तक उत्पादन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में सामानों पर टैक्स लगाया जाता था। कैस्केड टैक्स एक प्रकार का टर्नओवर टैक्स है, जिस पर किसी भी पिछले कैस्केड करों को लगाया जाता था । इससे अंतिम उपयोगकर्ता पर करों का बोझ उत्पन्न होता है, इसलिए जीएसटी में कोई कैस्केड कर नहीं होगा| जैसे कि हर सिक्के के दो पक्ष हैं, यहां तक कि जीएसटी की अपनी कमियां और नुकसान भी हैं। जीएसटी, भारत में शुरू की गई नई कर प्रणाली है, आम आदमी को इसकी पूरी जानकारी नहीं है, यह पूरे बड़े परिवर्तन को पचाने और जीएसटी से परिचित होने में समय लेगा। साथ ही, सभी व्यवसाय सॉफ्टवेयर, अकाउंटिंग और ईआरपी सॉफ्टवेयर जैसी प्रक्रियाओं को नवीनतम टैक्स सिस्टम के साथ अद्यतन करने की आवश्यकता है। जीएसटी के अंतर्गत कुछ सेवाएं महँगी भी हो जाएंगी जैसे टेलीकाम, एयरलाइंस, बैंकिंग, बीमा आदि.