कम्प्यूटर
कम्प्यूटर का आविष्कार मानव की सबसे अद्भूत उपलब्धि थी। वैसे तो मानव द्वारा अनेक प्रकार के आविष्कार किए गए और हर आविष्कार अपने महत्व से जाना जाता है, अपितु कम्प्यूटर के आविष्कार ने पूरे विश्व की कायाकल्प ही कर दी। आज के दौड़ती भागती जिंदगी में कम्प्यूटरर मानवीय जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। सुबह से लेकर रात तक हम अपने कार्यकलापों पर नजर डालें तो पाएंगे कि कम्प्यूटर के आगमन ने किस प्रकार हमारे जीवन को सुलभ, रोमांचकारी और आनंददायी बना दिया है। वैसे तो कम्प्यूटर का सर्वाधिक प्रयोग सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों में, कल-कारखानों में और मशीनों में होता है लेकिन साथ ही आज विद्यालयों कम्प्यूटर का ज्ञान अनिवार्य कर दिया गया है। चाहे हम बैंक में पैसे जमा करने या निकालने जाए, एटीएम जाएँ, मॉल में सामान खरीदने जाएँ हर जगह कम्प्युटर आसानी से दिख जाएंगे। समय के साथ कम्प्युटर ने अपना रूप भी बदला है। पहले एनालॉग, फिर डिजिटल और अब सुपर कम्प्यूटर ने बाज़ार कि रूप रेखा ही बादल दी है। इनके माध्यम ने नित्य नए खोज किए जा रहे हैं। अन्तरिक्ष में नए आयाम कायम किए जा रहे हैं। आंकड़ों का संग्रह और अपने संदेशों को विश्व के किसी भी कोने में बैठे अपने परिचित तक पहुंचाना अब चुटकी भर का काम हो गया है। अतः आज कम्प्यूटर के महत्व को हर कोई स्वीकार कर रहा है और खुद तो सीख रहा ही है अपने बच्चों और परिचितों को भी सीखने कि प्रेरणा दे रहा है। जैसा कि हर किसी वस्तु का अच्छा और बुरा दोनों पहलू होता है, वैसे ही कम्प्यूटर का भी बुरा पहलू भी है। कम्प्युटर के अत्यधिक प्रयोग से आँख और अस्थि संबंधी बीमारी उभरे हैं।कम्प्यूटर में अनेक ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनके माध्यम से अपराध कि घटनाएँ घट रही है। बच्चे अपने परिवार के बजाय कम्प्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से जुड़े मित्रों के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बाहरी खेलों में बच्चों की रुचि कम हुई है। इन सब के बावजूद कम्प्यूटर अपने महत्व से कम नहीं होता। दिन-व-दिन इसकी महत्ता में वृद्धि ही होगी। अतः हर व्यक्ति को कम्प्यूटर सीखना चाहिए। हमें इसके बुरे प्रभाव से बचना चाहिए और जहां तक संभव हो इसका अपने उत्थान के लिए प्रयोग करना चाहिए।