देश में हर एक मिनट पर सड़क दुर्घटना और चार मिनट पर इससे एक मौत होती है। शहर से अधिक ग्रामीण इलाके में सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। एनएच व एसएच की तुलना में अन्य सड़कों पर दुर्घटना अधिक होती है पर मरने वालों का औसत एनएच दुर्घटना में सबसे अधिक है। 11 से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह की तैयारी व लोगों से सुझाव लेने को लेकर हुई बैठक में यह तथ्य सामने आए।बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभागार में हुई बैठक में उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, पटना के डीटीओ दिनेश कुमार राय, डीएसपी विजय कुमार, आइसीसी के क्षेत्रीय निदेशक कमल शाही, बिहार राज्य महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष पुष्पा चोपड़ा, बीआईजी के संजय पांडेय आदि ने दुर्घटना से बचाव के लिए राय रखी। अनुज तिवारी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि 2012 में सड़क दुर्घटना में कमी आयी है, लेकिन दुर्घटना में जिसकी मौत होती है, उनमें सबसे अधिक घर के कमाऊ सदस्य या नौजवान होते हैं।34 तरह की आपदा उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि 34 तरह की आपदा हैं। सबसे अधिक मौत सड़क दुर्घटना में होती है। हमें जनजागरण व जनशिक्षण पर जोर देना होगा। बच्चों से लेकर हर उम्र के लोगों को सड़क पर चलते समय नियम-कानून का पालन करना चाहिए। एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इंजीनियरिंग व रोड एक्सीडेंट के बाद इमरजेंसी केयर की व्यवस्था पर जोर देना होगा।बिहार सरकार इन चारों बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान इंडियन ऑयल के सभी पेट्रोल पंप पर पंफलेट बांटे जाएंगे। डीटीओ ने बताया कि 12 जनवरी को कारगिल चौक से डाकबंगला चौराहे तक दौड़, स्कूलों में वाद-विवाद व निबंध प्रतियोगिता आयोजित होंगी।