स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Hindi Essay Writing)

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध


पिछले कुछ वर्षों में सांप्रदायिकता की स्वार्थपूर्ण एवं कुटिल राजनीति के कारण भारत की धर्मनिरपेक्षता की भावनाओं को काफी ठेस पहुंची है| इसके अतिरिक्त कुछ विघटनकारी शक्तियों ने भी देश के भीतर अपनी जड़ें स्थापित कर ली हैं| स्वतंत्रता दिवस हमें देश के लिए शहीद हुए लोगों की याद दिलाता है| यह हमें किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रेरणा देता है अंग्रेजों ने जब भारत वर्ष के अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को गिरफ्तार किया था तब आत्मसम्मान से भरे स्वर में जफर ने कहा था–“हिंदुओं में बू रहेगी जब तलक ईमान की, तख्त लंदन पर चलेगी तेग हिंदुस्तान की”| समय आने पर ईश्वर और धर्म पर विश्वास रखने वाले सच्चे हिंदुस्तानियों ने अपने बाहूबल की बदौलत अंग्रेजों से सत्ता छीन कर उनकी बातों को सच साबित कर दिया था| भारत के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य होता है कि हम इस भावनाओं को नष्ट ना होने दें और इसको अधिक पुष्ट बनाएं| इस कार्य में स्वतंत्रता दिवस की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है, इसके रूप में हम अपनी राष्ट्रीय एकता का जशन मनाते हैं| यह हमारा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक पर्व बन गया है| इतिहास साक्षी है कि अनेक धर्मों, अनेक जातियों और अनेक भाषाओं वाला यह देश अनेक विसंगतियों के बावजूद सदा एकता के सूत्र में बंधा रहता है| यहां अनेक जातियों आगमन हुआ और वह धीरे-धीरे इसकी मूल धारा में विलीन हो गए| उनकी परंपराएं, विचारधाराएं और संस्कृति इस देश के साथ एकरूप हो गई| भारत की यह विशेषता आज भी ज्यो की त्यों बनी हुई है| जो राष्ट्रीय संगठित होता है उसे ना कोई तोड़ सकता है और ना ही कोई उसका कुछ बिगाड़ सकता है| वह अपनी एकता एवं सामूहिक प्रयास के कारण सदा प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है| कई बार हमारे दुश्मन देश या पैसे के लिए सब कुछ बेच देने वाले कुछ स्वार्थी और अराजकता एवं आतंकी कार्यो द्वारा हमारी एकता को भंग करने का असफल प्रयास करते हैं| अतः भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि इस की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हर बलिदान और त्याग करने को प्रस्तुत रहे| सारे कार्यक्रम दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किया जाता है| देश के प्रत्येक हिस्से से लोगों स्वतंत्रा दिवस का कार्यक्रम देखने के लिए दिल्ली आते हैं| बच्चे समारोह में भाग लेने के लिए जल्द ही सुबह आ जाते हैं| समाज के हर वर्ग लाल किले पर पहुंचते हैं और लाल किले के सामने उनके बैठने का पूरे प्रबंध किया जाता है| बहुत से राजदूत और यहां तक कि विदेशी उच्च-अधिकारी भी इस कार्यक्रम को देखने आते हैं| कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बहुत से पुलिसकर्मी तैनात किये जाते है| यह समारोह भारतीय राज्यों की राजधानियों में भी मनाया जाता है| प्रधानमंत्री के स्थान पर वहां के मुख्यमंत्री भाषण देते हैं| देश की एकता, स्वतंत्रता और अखंडता की रक्षा के लिए सब कुछ बलिदान करने की सभी सौगंध लेते हैं| 15 अगस्त 1947 को लालकिले पर झंडा फहराते हुए हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था “रात 12:00 बजे जब आधी दुनिया सो रही है भारत जीवन और स्वतंत्रता पाने के लिए जाग रहा है| यह एक ऐसा क्षण है जो दुर्लभ है जब हम पुराने युग से नए युग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं भारत पुनः अपनी पहचान बनाएगा आजादी के बाद भारत की प्रगति को देख कर यह कहा जा सकता है कि नेहरु जी का यह कथन आज सार्थक हो रहा है| आज भारत दुनिया भर में राजनीतिक ही नहीं आर्थिक शक्ति के रुप में भी उभर रहा है| भारतीय युवा अपनी प्रतिभा एवं क्षमता पूरी दुनिया मे फैला रहे है| गांव का तेजी से विकास हो रहा है, महिलाओं में पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है| आजादी प्राप्त करने के बाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही हमारा देश गणतंत्र हुआ| भारतीय प्रजातंत्र में लिंग जाति धर्म इत्यादि किसी भी आधार पर नागरिकों में भेद नहीं किया जाता| धर्मनिरपेक्षता भारतीय गणतंत्र की एक प्रमुख विशेषता है|

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